■ तात्कालिक टिप्पणी
#तात्कालिक_टिप्पणी
■ मुनासिब नहीं बवाल…!
【प्रणय प्रभात】
सुनो बरख़ुरदार!
हार होती है हार।
फिर चाहे वो
एक रन से हो
या एक विकेट से।
एक गोल से हो
या एक वोट से।
जनादेश को अपनाओ
बेशर्मी मत दिखाओ।
मुनासिब नहीं कि
विरोधों की जीत पर
इस तरह बवाल करो।
करना ही तो
अपनी हार पर
अपने आप से
चुभने वाले सवाल करो।
ताकि हार के दर्द को
आसानी से पचा सको
और अगले संघर्ष में
ख़ुद को बचा सको।।