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29 Mar 2023 · 1 min read

■ चलते रहो…

#आज_का_मुक्तक
■ चलना पड़ता है…
दिल न चाहे तो भी। कभी अपने तो कभी अपनों के लिए। कभी शौक़ से तो कभी मजबूरी में। यही जीवन की नीति और जगत की रीति भी है शायद।
【प्रणय प्रभात】

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