Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko...!
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
Keep saying something, and keep writing something of yours!
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
बात बनती हो जहाँ, बात बनाए रखिए ।
*हजारों साल से लेकिन,नई हर बार होली है 【मुक्तक 】*
कभी लगे के काबिल हुँ मैं किसी मुकाम के लिये
मोहि मन भावै, स्नेह की बोली,
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सेंगोल की जुबानी आपबिती कहानी ?🌅🇮🇳🕊️💙
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब तुम्हारे भीतर सुख के लिए जगह नही होती है तो