■ आज का रोचक शोध
😝 ■ नकारात्मकता : एक चुम्बक
【प्रणय प्रभात】
नकारात्मकता के थोथे विरोध का प्रदर्शन भले ही सारी दुनिया करे, मगर सच इससे सर्वथा उलट है। शोध करेंगे तो पाएंगे कि जिस नकारात्मकता को लोग नकारते हैं, उसमें चुम्बकीय गुण भरा पड़ा है। जो नहीं मानते, वो इस नुस्खे को आज़मा कर देख सकते हैं।
★ सब एक-एक सकारात्मक और नकारात्मक पोस्ट लें और दोनों को फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे किसी भी सोशल मीडिया मंच की वाल पर एक-एक कर परोस दें।
प्राप्त प्रतिक्रियाओं पर गौर फ़रमाएँगे तो सच ख़ुद सामने आ जाएगा। आप पाएंगे कि सकारात्मकता का ज्ञान देने वालों ने भी दस्तक नकारात्मकता वाली पोस्ट पर ही दी। जबकि सकारात्मकता वाली पोस्ट पर शून्य बटा सन्नाटा पसरा रहा।
निष्कर्ष साबित कर देगा कि नकारात्मकता में आमंत्रण और आकर्षण दोनों सकारात्मकता की तुलना में हज़ार गुना अधिक हैं। मतलब सकारात्मकता का पाखण्ड करने वाले भी वास्तविक रूप से नकारात्मकता के साधक, संवाहक और प्रोत्साहक हैं। जिनका अपना विबेक सकारात्मकता का झंडा लहराने का दिखावा करते हुए नकारात्मकता के नीचे दबा पड़ा है।
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