Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2023 · 1 min read

■ आज का आभार

■ आज का आभार
(गीतकार मित्र राजकिशोर राज ग्वालियर के प्रति)
विगत शनिवार की रात्रि श्री हजारेश्वर महादेव मेला रंगमंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में मुझ जैसे भूले-बिसरे एक अकिंचन का नेहपूर्ण स्मरण करने के लिए। हृदय से बधाई उत्कृष्ट काव्य-पाठ के लिए भी। आप से आत्मीय भेंट सदैव सुखद होती है। कल भी आनंदप्रद रही। नेह-भाव सतत बना रहे। जय राम जी की।।

1 Like · 75 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Sakshi Tripathi
जाने कहां गई वो बातें
जाने कहां गई वो बातें
Suryakant Dwivedi
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
"The Power of Orange"
Manisha Manjari
जीवन दर्शन
जीवन दर्शन
Prakash Chandra
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
पूर्वार्थ
ज़माने   को   समझ   बैठा,  बड़ा   ही  खूबसूरत है,
ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
Sanjay ' शून्य'
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम ,   रहेंगे जुदा ना ,ना  बिछुड़ेंगे
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम , रहेंगे जुदा ना ,ना बिछुड़ेंगे
DrLakshman Jha Parimal
क्यों ज़रूरी है स्कूटी !
क्यों ज़रूरी है स्कूटी !
Rakesh Bahanwal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
■ सगी तो खुशियां भी नहीं।
■ सगी तो खुशियां भी नहीं।
*Author प्रणय प्रभात*
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया
'अशांत' शेखर
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
23/13.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/13.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"प्रेमी हूँ मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
सितम तो ऐसा कि हम उसको छू नहीं सकते,
सितम तो ऐसा कि हम उसको छू नहीं सकते,
Vishal babu (vishu)
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*मस्तियों का आ गया मौसम, हवा में प्यार है  (हिंदी गजल/गीतिका
*मस्तियों का आ गया मौसम, हवा में प्यार है (हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
दो धारी तलवार
दो धारी तलवार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जंगल का रिवाज़
जंगल का रिवाज़
Shekhar Chandra Mitra
सुबह की चाय है इश्क,
सुबह की चाय है इश्क,
Aniruddh Pandey
मेरी इबादत
मेरी इबादत
umesh mehra
सोच एक थी, दिल एक था, जान एक थी,
सोच एक थी, दिल एक था, जान एक थी,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
बदल लिया ऐसे में, अपना विचार मैंने
बदल लिया ऐसे में, अपना विचार मैंने
gurudeenverma198
मेरी आँखों में देखो
मेरी आँखों में देखो
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
किसे फर्क पड़ता है
किसे फर्क पड़ता है
Sangeeta Beniwal
*सेवानिवृत्ति*
*सेवानिवृत्ति*
पंकज कुमार कर्ण
Loading...