बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
sp122 दुनिया एक मुसाफिरखाना
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*** सैर आसमान की....! ***
मैं क्या खाक लिखती हूँ ??
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
जब किसी से किसी को प्यार होता है...
प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
तुझे भूलना इतना आसां नही है
"स्वतंत्रता के नाम पर कम कपड़ों में कैमरे में आ रही हैं ll
जो क्षण भर में भी न नष्ट हो
बाबा लक्ष्मण दास की समाधि पर लगे पत्थर पर लिखा हुआ फारसी का
नए मुहावरे में बुरी औरत / मुसाफिर बैठा