Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2022 · 1 min read

√√आओ नाचें गाएँ 【गीत 】

आओ नाचें गाएँ 【गीत 】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
चलो सुनें संगीत गगन का ,आओ नाचें गाएँ
(1)
थोड़ा मस्ती में थिरकें कुछ बात करें तारों से
थोड़ी-सी मुस्कान चुरा लें इन कोषागारों से
इस मदहोश हवा में अपनी सुधबुध चलो गँवाएँ
(2)
नृत्य एक-सा दुनिया भर का अपना और पराया
नृत्य एक-सा जो पूरब से, जो पश्चिम से आया
मिले नृत्य जो दिल को थोड़ा ,उससे ही बहलाएँ
(3)
यह संगीत-गीत-यह थिरकन ,मानवता की थाती
यह सकून, यह शान्ति विश्व में मानव को दे जाती
इसे हवाओं में बिखरा दें, जो चाहें ले जाएँ
■■■■■■■■■■■■■ ■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 412 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
"अचरज"
Dr. Kishan tandon kranti
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
यकीन
यकीन
Sidhartha Mishra
3327.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3327.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
अपना-अपना
अपना-अपना "टेलिस्कोप" निकाल कर बैठ जाएं। वर्ष 2047 के गृह-नक
*प्रणय प्रभात*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तू एक फूल-सा
तू एक फूल-सा
Sunanda Chaudhary
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"Awakening by the Seashore"
Manisha Manjari
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
11-🌸-उम्मीद 🌸
11-🌸-उम्मीद 🌸
Mahima shukla
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भाग्य पर अपने
भाग्य पर अपने
Dr fauzia Naseem shad
लत / MUSAFIR BAITHA
लत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
ओ चाँद गगन के....
ओ चाँद गगन के....
डॉ.सीमा अग्रवाल
ना बातें करो,ना मुलाकातें करो,
ना बातें करो,ना मुलाकातें करो,
Dr. Man Mohan Krishna
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
Sunil Suman
*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*
*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*
sudhir kumar
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
संवेदनहीन
संवेदनहीन
अखिलेश 'अखिल'
जब दादा जी घर आते थे
जब दादा जी घर आते थे
VINOD CHAUHAN
गौरेया (ताटंक छन्द)
गौरेया (ताटंक छन्द)
नाथ सोनांचली
गाडगे पुण्यतिथि
गाडगे पुण्यतिथि
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
ईश्वर के प्रतिरूप
ईश्वर के प्रतिरूप
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...