॰॰॰॰॰॰यू॰पी की सैर॰॰॰॰॰॰
चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें🍂
आगरा में प्रेम का प्रतीक ताजमहल,
देख आयें॥
चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें🍂
फ़िरोज़ाबाद से काँच की चूड़ियाँ
बरेली से सुरमा , लें आयें॥
चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें🍂
मथुरा में कृष्ण,
अयोध्या में राम की जन्मभूमि देख आयें॥
चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें🍂
लखनाऊ से चिकनकारी सूट,
वाराणसी से बनारसी रेशम साड़ी ले आयें॥
चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें🍂
कन्नौज से इत्र,
अमरोहा से ढोलक ले आयें॥
चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें🍂
चित्रकुट से लकड़ी के खिलौने
पीलीभीत से कृष्णा की वाँसुरी ले आयें॥
चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें🍂
एटा से घुंघरु,
अलीगढ़ से ताला ले आये॥
चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें🍂
अम्बेडकर से वस्त्र,
बलिया से बिंदी ले आयें॥
चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें🍂
मुरादाबाद से पीतल ले आयें॥
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रचनाकार – 😇 डॉ० वैशाली ✍🏻