Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2020 · 1 min read

१६ दिसंबर १९७१ विजय दिवस

आजादी मिली देश वंट गया
भारत-पाकिस्तान हो गया
अंग्रेजों ने बंगाल को दो हिस्सों में बांटा था
तत्कालीन समय किस्सा बंग भंग कहलाया था
दो हिस्सों में बटा बंगाल
पूर्वी और पश्चिमी बंगाल कहलाया था
पूर्वी बंगाल पाकिस्तान का
पूर्वी पाकिस्तान कहलाया
पाकिस्तानी सेना पूर्वी पाकिस्तान में
अत्याचारों में रत थी
बहन बेटियां नहीं सुरक्षित बलात्कार करती थी
अत्याचारों से डरकर नागरिक
भारत में शरण लेते थे
आकर पाकिस्तानी सेना की
दुख भरी कहानी कहते थे
भारत पर आ गया दबाव, सैन्य कार्यवाही करने का
पाकिस्तानी सेना से, बंगला मुक्ति करने का
आखिर 3 दिसंबर 71 को
पाकिस्तान ने जम्मू पठानकोट एयर बेस पर
अचानक बम बरसाए
इंदिरा गांधी के आदेश पर जनरल मानिकशा गुस्साए
13 दिन भीषण युद्ध हुआ
पाकिस्तान को घेर लिया
100000 पाकिस्तानी फौज से
हथियार तुरंत डलवाए
मुक्त हुआ पूर्वी पाकिस्तान
वीरों ने बांग्लादेश बनाए
16 दिसंबर 1971
विजय दिवस स्वर्ण अक्षरों में लिखवाए

जय हिंद

Language: Hindi
7 Likes · 1 Comment · 200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
अर्ज किया है जनाब
अर्ज किया है जनाब
शेखर सिंह
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
We become more honest and vocal when we are physically tired
We become more honest and vocal when we are physically tired
पूर्वार्थ
International  Yoga Day
International Yoga Day
Tushar Jagawat
इश्क  के बीज बचपन जो बोए सनम।
इश्क के बीज बचपन जो बोए सनम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2326.पूर्णिका
2326.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
#क़तआ / #मुक्तक
#क़तआ / #मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
Dr Manju Saini
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Sukoon
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
नेताम आर सी
आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar
आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
शायरी - संदीप ठाकुर
शायरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
प्रकृति पर कविता
प्रकृति पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
"शिष्ट लेखनी "
DrLakshman Jha Parimal
वो शख्स लौटता नहीं
वो शख्स लौटता नहीं
Surinder blackpen
.
.
Amulyaa Ratan
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
आइन-ए-अल्फाज
आइन-ए-अल्फाज
AJAY AMITABH SUMAN
ऐसे नाराज़ अगर, होने लगोगे तुम हमसे
ऐसे नाराज़ अगर, होने लगोगे तुम हमसे
gurudeenverma198
अपना दिल
अपना दिल
Dr fauzia Naseem shad
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
Kshma Urmila
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
Shweta Soni
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
"कलम के लड़ाई"
Dr. Kishan tandon kranti
*रोना-धोना छोड़ कर, मुस्काओ हर रोज (कुंडलिया)*
*रोना-धोना छोड़ कर, मुस्काओ हर रोज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कहानी ....
कहानी ....
sushil sarna
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
Manoj Mahato
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...