।।इश्क में जीलों मेरे यारो।।
।।इश्क में जीलों मेरे यारो।।
इश्क में जीलों मेरे यारो
इश्क खुदा की सूरत है
जब भी रहोगे तन्हा-तन्हा
खुशियों की ये मूरत है
ये दुनिया है बड़ी स्वार्थी
नफरतों का व्यापार यहां
जरूरत और मतलब होने पर
चलता है व्यवहार यहां
अहंकार की अंधी दौड़ में
भाग रहे सब लोग है
छोड़ रहे है अपने को भी
कैसे बने ये जोग है
इश्क में जीलों………….
पा तो गये है मानव तन को
जो बहुत अनमोल है
बैठें कुछ पल शांत मौन में
प्रश्न करें हम कौन है
दिया जीवन हमको रब ने
खोज स्वयं को,उसको पाने की ये मोहलत है
इश्क में जीलों……………
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”
पोस्ट कौड़िया(गाडरवारा)
जिला-नरसिंहपुर मध्यप्रदेश(भारत)
मो.9893342060