।।आज की मीडिया का सच।।
बहुत बाढ़ के कारण घर की नींव में पानी भर गया।
पति मर गया।
पत्नी थी बाहर वो बच गई।
मीडिया को पता चला।
खोजते हुए वो वहां पहुंचा।
गरीब थे ये लोग भांप लिया मीडिया ने।
औरत है कम पढ़ी जान लिया मीडिया ने।
औरत को ले कर चल दिए अपने स्टूडियो।
वहां का दृश्य कैसा था जरा ये भी देखिए।
पूछा एंकर ने कैसा लग रहा है पति के मरने पर।
चुप चाप बैठी रही औरत उस कुर्सी पर।
दूसरा प्रश्न,
अच्छा बताओ क्या उसकी याद आती है?
औरत चुप।
एंकर – कट कट।
अरे इसे ग्लिसरीन दो आंखों में लगाए, आंसू तो बहाए।
वरना टीआरपी का क्या होगा?
कट।
समय समाप्त।
औरत आ गई बाहर।
सीढ़ियों पे बैठ कर फूट फूट कर रोई।
एंकर भी आई, बोली अब क्यों रो रही हो?
जब रोना था तब तो चुप थी।
औरत ने कहा भगवान करे आपके पति सुरक्षित रहें।
मेरी जगह कभी आपको न उस कुर्सी पे बैठना पड़े।
नहीं तो पता चलेगा जिंदा लाश कभी बोला नहीं करती।
एंकर ने सब कुछ भांप लिया था, वो क्या कहना चाहती थी जान लिया था।
✍️ प्रियंक उपाध्याय