फ़ुर्सत
आज वो फुर्सत में नजर आते है ।
खुशियों के निग़ाह रंग सजाते है ।
समेट कर यादें गुजरे वक़्त की ,
यूँ वक़्त को अपना फिर बनाते है ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@….
आज वो फुर्सत में नजर आते है ।
खुशियों के निग़ाह रंग सजाते है ।
समेट कर यादें गुजरे वक़्त की ,
यूँ वक़्त को अपना फिर बनाते है ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@….