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26 Oct 2020 · 1 min read

ज़िन्दगी से डरा गया कोई

आग जीवन मे लगा गया कोई
दिल को मेरे दुखा गया कोई।

लहराता हुआ मैं इक़ फूल था,
रूखी बातोंसे जिसे मुर्झा गया कोई।

देखे थे मैंने भीऊँचे महलों के ख़्वाब
नफऱत से जिसे गिरा गया कोई।

ठानी थी अच्छे बने रहने की हमने,
बुरा करके बुरा मुझे बना गया कोई।

तपती सी लगती है शीतल ज़मी भी,
राहों में अंगारे ऐसे बिछा गया कोई।

मौत ही मौत सदा माँगता हूँ मैं रहता
जिंदगी से इस कदर डरा गया कोई।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 249 Views

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