Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2017 · 1 min read

ज़िन्दगी वाह की भी डगर

एक मुक्तक

ज़िन्दगी वाह की भी डगर
ज़िन्दगी आह की भी डगर
है सफर बस न इतना सुनो
बीच में डाह की भी डगर
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद(उ प्रदेश)

Language: Hindi
421 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
रंग भरी एकादशी
रंग भरी एकादशी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
"किनारे से"
Dr. Kishan tandon kranti
शुभ रक्षाबंधन
शुभ रक्षाबंधन
डॉ.सीमा अग्रवाल
सावन का महीना
सावन का महीना
Mukesh Kumar Sonkar
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी ख़्वाहिश ने
मेरी ख़्वाहिश ने
Dr fauzia Naseem shad
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कुछ कहूं ना कहूं तुम भी सोचा करो,
कुछ कहूं ना कहूं तुम भी सोचा करो,
Sanjay ' शून्य'
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
Phool gufran
वो खूबसूरत है
वो खूबसूरत है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
*सावन में अब की बार
*सावन में अब की बार
Poonam Matia
कहानी - आत्मसम्मान)
कहानी - आत्मसम्मान)
rekha mohan
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
Manju sagar
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
Ranjeet kumar patre
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
संत गाडगे संदेश 2
संत गाडगे संदेश 2
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सच्चा मन का मीत वो,
सच्चा मन का मीत वो,
sushil sarna
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
हां मैं पागल हूं दोस्तों
हां मैं पागल हूं दोस्तों
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
Sahil Ahmad
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
आम का मौसम
आम का मौसम
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
नीरोगी काया
नीरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"प्यार की कहानी "
Pushpraj Anant
राम नाम  हिय राख के, लायें मन विश्वास।
राम नाम हिय राख के, लायें मन विश्वास।
Vijay kumar Pandey
जो होता है आज ही होता है
जो होता है आज ही होता है
लक्ष्मी सिंह
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
The_dk_poetry
Loading...