चेहरे का यह सबसे सुन्दर लिबास है
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं ,
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
वो आये और देख कर जाने लगे
व्यंग्य कविता- "गणतंत्र समारोह।" आनंद शर्मा
ये जाति और ये मजहब दुकान थोड़ी है।
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
स्वयं द्वारा किए कर्म यदि बच्चों के लिए बाधा बनें और गृह स्
💐प्रेम कौतुक-297💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.