ज़िन्दगी में वक़्त आता और जाता(*)
ज़िन्दगी में वक़्त आता और जाता
पर पकड़ कोई कभी इसको न पाता
झोलियाँ भरता खुशी से ये हमारी
दर्द से भी ये कराता रहता यारी
साथ रहता पर हमारे साया बनकर
वक़्त ही हर घाव पर मरहम लगाता
बस जरूरी वक़्त को पहचानना है
तय इसी पर जीतना या हारना है
योग्यता, कमजोरियां सारी हमारी
वक़्त का दर्पण सभी हमको दिखाता
वक़्त के सँग बस कदम अपने बढ़ाना
पर कभी तूफान से घबरा न जाना
ज़िन्दगी का है बहुत अनमोल हर पल
क्या पता कब वक़्त देगा तोड़ नाता
वक़्त करता काम भी जग में निराले
स्वप्न भी रंगीन ये आंखों में पाले
कर्म की हर राह बस हमको दिखाकर
भाग्य अपना खुद हमें लिखना सिखाता
16-08-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद