ज़िगर में जो रही,,,
वो इस तरह अब तो रुख़सत हो गयी,
मैं टूटा और उसकी ख़िदमत हो गयी,
ज़िगर में जो रही क़त्ल उसी ने किया,
यह सुनकर मुझे तो दहशत हो गयी,
आरजू थी कि वो मुझे सोना कर दे,
मिट्टी किया उसने तो हैरत हो गयी,
लुटा कर सब कुछ मैं तो बर्बाद हुआ,
मलाल ये है कि अब तो ग़ैरत हो गयी,