ज़िंदा हूँ मगर लाश पड़ी है सड़क किनारे
ज़िंदा हूँ मगर लाश पड़ी है सड़क किनारे
देख रहे है मंज़र सब आने जाने वाले
बिलख बिलख कर रो रहे,अपने चाहने वाले
फब्तियां कस रहे है आज सब ज़माने वाले
भूपेंद्र रावत
18।05।2020
ज़िंदा हूँ मगर लाश पड़ी है सड़क किनारे
देख रहे है मंज़र सब आने जाने वाले
बिलख बिलख कर रो रहे,अपने चाहने वाले
फब्तियां कस रहे है आज सब ज़माने वाले
भूपेंद्र रावत
18।05।2020