ज़िंदगी
कुछ ‘रेशों में रची रचना’^ से
‘पुलकित-पल्लव’* बनाती है
ज़िंदगी धड़कन^^ और
धड़कने का एहसास कराती है
०
पहली बार छाती से लगकर
ममता एहसास कराती है
पीला-अमृत** मुख में देकर
क्षुधा एहसास कराती है
ज़िंदगी हमें क्या सिखाती है
पहली बार पैरों पर चलना
दौड़ दौड़ वो मस्ती करना
गिरना संभलना सिखाती है
ज़िंदगी हमें क्या सिखाती है
रक्षित से रक्षक बनने की
प्रेरणा से भर जाती है
जब मेरी प्यारी वो बहना
हँसकर गले लगाती है
ज़िंदगी हमें क्या सिखाती है
ज़िम्मेदारियों की घोड़ी चढ़ना
रूठना- मनाना सिखाती है
रति भाव संग बह जाने की
प्रीत सूरा को पी जाने की
उमंग सदाएं देती है
ज़िंदगी हमें क्या सिखाती है
पितृ भाव से भर जाने पर
वत्सल की छवि में दिखती है
जीवन की महिमा बड़ी अनोखी
फिर से अपना बचपन जीने को
बच्चों में दिख जाती है
ज़िंदगी हमें क्या सिखाती है
अब भी बहुत बाकी है कहना
जो शेषनाग पर लेटी है
उस माया की कोख में पलकर
धरती पर बिछ जाती है
ज़िंदगी हमें क्या सिखाती है
है बेहया*** सी यह जीवन भी
जाने क्या दिखाती है
प्रेमी० के बिन रह न सकी तो
मौत को गले लगाती है
ज़िंदगी हमें क्या सिखाती है
?
^रेशों में रची रचना=DNA. *पुलकित-पल्लव=PLACENTA(भ्रूण को माँ के शरीर से जोड़ने वाली नली)
^^धड़कन= जब भ्रूण का दिल पहली बार धड़कता है फिर धड़कता चला जाता है।
**पीला-अमृत=Colostrum (माँ का पहला गाढ़ा पीला दूध, पहला आहार, भूख का पहला एहसास)
***बेहया=बेशर्म
०प्रेमी= श्री हरि
काव्य-बहाव (flow of poem): जीवन की उत्पत्ति की वैज्ञानिक वजह DNA का परिचय देते हुए कविता क्रमशः निम्नलिखित वेग से आगे सरकती जाती है
कविता की सुरुआत DNA ?फिर युग्मज zygote का निर्माण ? आहारनाल(प्लेसेंटा) की उत्पत्ति? हृदय व अन्य अंगों का बनना? जन्म लेना? माँ का पहला दूध पीना?पहली बार चलना? रिश्तों की समझ? ज़िम्मेदारी का एहसास?शादी? संसर्ग? संतानोत्पत्ति?जीवन का परिचय ? जीवन में मोह माया की वजह को बताते हुए ? मृत्य के कारण को आध्यात्मिकता के आलोक में बताने की कोशिश की गई है।
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