ज़िंदगी में बहना(रक्षा बंधन) ज़िंदगी में तुझे ‘बहना’, मिले वो मक़ाम, तू सोचती रहती हो जिसे सुबह-ओ-शाम ।। #हनीफ़_शिकोहाबादी ✍️