$ग़ज़ल
बहरे रमल मुरब्बा सालिम
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
2122/2122
मौत से पहले मरो मत
हार से इतना डरो मत
हौसला हो जीतने का
पाँव पीछे तुम धरो मत
भूल को समझो सुधारो
जोश अपना कम करो मत
सोच नीयत नेक रखना
गंदगी मन में भरो मत
सुब्ह हर की शाम होती
दिल निराशा से झरो मत
# आर.एस. ‘प्रीतम’
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