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2 Feb 2021 · 1 min read

प्रेम पत्र

——ग़ज़ल——

अब अयाँ इश्क़ करता हूँ ऐ जानेमन
ख़त मुहब्बत के लिखता हूँ ऐ जानेमन

जब से देखा हूँ तुमको तभी से सनम
हर घड़ी बस तड़पता हूँ ऐ जानेमन

दिल में बेचैनियाँ आँखों में रतजगे
रात भर तारे गिनता हूँ ऐ जानेमन

आँख हर पल तरसती हैं बस दीद को
रंज़ों-ग़म दर्द सहता हूँ ऐ जानेमन

मेरे बाज़ू से गुज़रे थे उस रोज़ तुम
मैं तभी से महकता हूँ ऐ जानेमन

फिर मिलोगे किसी दिन इसी आस में
जी रहा हूँ, न मरता हूँ ऐ जानेमन

पास आ जाना प्रीतम ये ख़त पढ़ के तुम
आज भी राह तकता हूँ ऐ जानेमन

प्रीतम श्रावस्तवी
मोह०तिलक नगर निकट साईं मंदिर
पोस्ट – भिनगा जनपद-श्रावस्ती
पिन-271831
मोबाइल-9559926244
Email-pritamrathaurpritam@gmail.com

8 Likes · 55 Comments · 954 Views

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