Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2016 · 1 min read

ग़ज़ल (हार-जीत)

ग़ज़ल (हार-जीत)

पाने को आतुर रहतें हैं खोने को तैयार नहीं है
जिम्मेदारी ने मुहँ मोड़ा ,सुबिधाओं की जीत हो रही

साझा करने को ना मिलता , अपने गम में ग़मगीन हैं
स्वार्थ दिखा जिसमें भी यारों उससे केवल प्रीत हो रही

कहने का मतलब होता था ,अब ये बात पुरानी है
जैसा देखा बैसी बातें .जग की अब ये रीत हो रही

अब खेलों में है राजनीति और राजनीति ब्यापार हुई
मुश्किल अब है मालूम होना ,किस से किसकी मीत हो रही

क्यों अनजानापन लगता है अब, खुद के आज बसेरे में
संग साथ की हार हुई और तन्हाई की जीत हो रही

ग़ज़ल (हार-जीत)
मदन मोहन सक्सेना

452 Views

You may also like these posts

"हाल ए ओश"
ओसमणी साहू 'ओश'
कुण्डलिया
कुण्डलिया
अवध किशोर 'अवधू'
जो लोग ये कहते हैं कि सारे काम सरकार नहीं कर सकती, कुछ कार्य
जो लोग ये कहते हैं कि सारे काम सरकार नहीं कर सकती, कुछ कार्य
Dr. Man Mohan Krishna
***
*** " तितली : प्रकृति की अनुपम उपहार...!!! " ***
VEDANTA PATEL
ले आओ बरसात
ले आओ बरसात
संतोष बरमैया जय
3580.💐 *पूर्णिका* 💐
3580.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गीत- सवालों में ज़वाबों में...
गीत- सवालों में ज़वाबों में...
आर.एस. 'प्रीतम'
डर
डर
Sonam Puneet Dubey
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम ,   रहेंगे जुदा ना ,ना  बिछुड़ेंगे
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम , रहेंगे जुदा ना ,ना बिछुड़ेंगे
DrLakshman Jha Parimal
एक तरफ मां के नाम पर,
एक तरफ मां के नाम पर,
नेताम आर सी
जब आप किसी में कुछ अच्छा देखते हैं तो उन्हें बताएं, यह कहने
जब आप किसी में कुछ अच्छा देखते हैं तो उन्हें बताएं, यह कहने
ललकार भारद्वाज
"Do You Know"
शेखर सिंह
Rap song 【4】 - पटना तुम घुमाया
Rap song 【4】 - पटना तुम घुमाया
Nishant prakhar
रिश्ता
रिश्ता
Santosh Shrivastava
बढ़ जाएगी
बढ़ जाएगी
Arvind trivedi
जीत का झंडा गाड़ेंगे हम
जीत का झंडा गाड़ेंगे हम
अनिल कुमार निश्छल
सुनो मुहब्बत जब नफरत में बदलती है......
सुनो मुहब्बत जब नफरत में बदलती है......
shabina. Naaz
आश किरण
आश किरण
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
तेवरी : युग की माँग + हरिनारायण सिंह ‘हरि’
तेवरी : युग की माँग + हरिनारायण सिंह ‘हरि’
कवि रमेशराज
यह तो सब नसीब की बात है ..
यह तो सब नसीब की बात है ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
*श्रमिक*
*श्रमिक*
नवल किशोर सिंह
اور کیا چاہے
اور کیا چاہے
Dr fauzia Naseem shad
बड़ी होती है
बड़ी होती है
sushil sarna
हारा हूँ कई बार, फिसला हूँ राहों में,
हारा हूँ कई बार, फिसला हूँ राहों में,
पूर्वार्थ
हरियाली
हरियाली
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
आओ तुम्हें चाँद पर ले जाएँ
आओ तुम्हें चाँद पर ले जाएँ
Indu Nandal
मेरी बेटी मेरी अभिमान
मेरी बेटी मेरी अभिमान
Sudhir srivastava
"हा हा हा हा"
Dr. Kishan tandon kranti
‘सलाह’ किसकी मानें और कितनी मानें (सर्वाधिकार सुरक्षित)
‘सलाह’ किसकी मानें और कितनी मानें (सर्वाधिकार सुरक्षित)
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
Loading...