ग़ज़ल- लौटेंगे क्या जाने वाले
ग़ज़ल- लौटेंगे क्या जाने वाले
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इतना प्यार लुटाने वाले
लौटेंगे क्या जाने वाले
नाते तोड़े सच बोला तो
सच मेँ यार जमाने वाले
तन्हाई ने साथ निभाया
रूठे साथ निभाने वाले
कंगाली पे हँसते हो तुम
रोओगे मुस्काने वाले
दम्भ न करना रब के आगे
ऐ दुनिया मेँ आने वाले
वे लम्हेँ ‘आकाश’ कहाँ हैँ
खुशियोँ के पैमाने वाले
– आकाश महेशपुरी