Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2019 · 1 min read

ग़ज़ल:- मैं जख़्मों को अपने छिपाता रहा हूँ

मैं जख़्मों को अपने छिपाता रहा हूँ।
हँसा हूँ ख़ुदी पे हँसाता रहा हूँ।।

मिटाता जमाना बने घोंसलों को।
मैं चुन चुन नशेमन बनाता रहा हूँ।।

वो आबोहवा को मिटाते रहे हैं।
ज़मीं पे शजर मैं लगता रहा हूँ।।

सियासत की ख़ातिर, वो फैलाते नफ़रत।
चराग़े मुहब्बत जलाता रहा हूँ।।

नहीं “कल्प” उम्मीद करता किसी से।
फराइज़ हैं जो बस निभाता रहा हूँ।।
:- अरविंद राजपूत ‘कल्प’

249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
4. गुलिस्तान
4. गुलिस्तान
Rajeev Dutta
मिलेंगे कल जब हम तुम
मिलेंगे कल जब हम तुम
gurudeenverma198
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
Manisha Manjari
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
धनमद
धनमद
Sanjay ' शून्य'
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
Neelam Sharma
पत्थरवीर
पत्थरवीर
Shyam Sundar Subramanian
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
Dr Tabassum Jahan
औरत की नजर
औरत की नजर
Annu Gurjar
2122 1212 22/112
2122 1212 22/112
SZUBAIR KHAN KHAN
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
सूरज का टुकड़ा...
सूरज का टुकड़ा...
Santosh Soni
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
शेखर सिंह
जब  सारे  दरवाजे  बंद  हो  जाते  है....
जब सारे दरवाजे बंद हो जाते है....
shabina. Naaz
सोचा होगा
सोचा होगा
संजय कुमार संजू
यूनिवर्सिटी के गलियारे
यूनिवर्सिटी के गलियारे
Surinder blackpen
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
*बाल गीत (पागल हाथी )*
*बाल गीत (पागल हाथी )*
Rituraj shivem verma
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
वीर बालिका
वीर बालिका
लक्ष्मी सिंह
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
Dr. Man Mohan Krishna
खुद्दार
खुद्दार
अखिलेश 'अखिल'
Dear  Black cat 🐱
Dear Black cat 🐱
Otteri Selvakumar
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
पूर्वार्थ
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिस्म से रूह को लेने,
जिस्म से रूह को लेने,
Pramila sultan
देवतुल्य है भाई मेरा
देवतुल्य है भाई मेरा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
दूसरों को देते हैं ज्ञान
दूसरों को देते हैं ज्ञान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...