Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2020 · 1 min read

ग़ज़ल- धैर्य मेरा खो रहा है

ग़ज़ल- धैर्य मेरा खो रहा है
■■■■■■■■■■
धैर्य मेरा खो रहा है
हाय यह क्या हो रहा है

लोग कहते कवि मुझे पर
ज्ञान मेरा सो रहा है

है हँसी में जिंदगानी
किंतु मन यह रो रहा है

सैकड़ों अवसाद कैसे
यह कलेजा ढो रहा है

मन सदा बेचैन होकर
दर्द केवल बो रहा है

कर नहीं पाया भले कुछ
हौसला यूँ तो रहा है

दाग़ गहरे मिट न पाते
वक्त लेकिन धो रहा है

अब नहीं “आकाश” आता
साथ मेरे जो रहा है

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 08/01/2020

1 Like · 1 Comment · 460 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
भारत के लाल को भारत रत्न
भारत के लाल को भारत रत्न
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खूबसूरत है दुनियां _ आनंद इसका लेना है।
खूबसूरत है दुनियां _ आनंद इसका लेना है।
Rajesh vyas
तुम      चुप    रहो    तो  मैं  कुछ  बोलूँ
तुम चुप रहो तो मैं कुछ बोलूँ
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हिंदी दिवस - विषय - दवा
हिंदी दिवस - विषय - दवा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
Paras Nath Jha
होने को अब जीवन की है शाम।
होने को अब जीवन की है शाम।
Anil Mishra Prahari
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
जय अम्बे
जय अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रुई-रुई से धागा बना
रुई-रुई से धागा बना
TARAN VERMA
बुध्द गीत
बुध्द गीत
Buddha Prakash
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
पनघट गायब हो गए ,पनिहारिन अब कौन
पनघट गायब हो गए ,पनिहारिन अब कौन
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
है तो है
है तो है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
"ये सुना है कि दरारों में झांकता है बहुत।
*Author प्रणय प्रभात*
*कैसे  बताएँ  कैसे जताएँ*
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3126.*पूर्णिका*
3126.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुप्रभातम
सुप्रभातम
Ravi Ghayal
वादा तो किया था
वादा तो किया था
Ranjana Verma
आज तुझे देख के मेरा बहम टूट गया
आज तुझे देख के मेरा बहम टूट गया
Kumar lalit
हमारा प्रेम
हमारा प्रेम
अंजनीत निज्जर
कोई फाक़ो से मर गया होगा
कोई फाक़ो से मर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
भीतर का तूफान
भीतर का तूफान
Sandeep Pande
उदयमान सूरज साक्षी है ,
उदयमान सूरज साक्षी है ,
Vivek Mishra
शोषण
शोषण
साहिल
it's a generation of the tired and fluent in silence.
it's a generation of the tired and fluent in silence.
पूर्वार्थ
"अज़ब दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
@ खोज @
@ खोज @
Prashant Tiwari
Loading...