Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2018 · 1 min read

ग़ज़ल/तेरी बेरुख़ी भी अच्छी लगती है

हमें तेरे चेहरे पे हँसीं अच्छी लगती है
तू हँसती है तो ज़िन्दगी अच्छी लगती है

तेरा गुस्सा हाय तौबा तेरी बेरुख़ी जालिमा
अरी हमें तो तेरी बेरुख़ी भी अच्छी लगती है

इक तू ही नहीं तेरी हर अदा अच्छी लगती है
तेरे नैना हिरनी जैसे हमें हिरनी अच्छी लगती है

तू नीले लिबास में आसमां सी सफेदी में चाँदनी
हमें तेरे माथे पे वो छोटी सी बिन्दी अच्छी लगती है

यूँ तो जहाँ में बहुत अजीबोगरीब शहर हुआ करते हैं
मग़र ना जानें क्यों हमें तो दिल्ली ही अच्छी लगती है

तुझे ना देखें तो मर जाएंगे और देखकर जीते मरते हैं
दिल में आयतें लिखी हैं पढ़ ले ,तू कितनी अच्छी लगती है

~अजय”अग्यार

2 Likes · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं कौन हूँ कैसा हूँ तहकीकात ना कर
मैं कौन हूँ कैसा हूँ तहकीकात ना कर
VINOD CHAUHAN
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
राजा जनक के समाजवाद।
राजा जनक के समाजवाद।
Acharya Rama Nand Mandal
दिल कि आवाज
दिल कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नील गगन
नील गगन
नवीन जोशी 'नवल'
19-कुछ भूली बिसरी यादों की
19-कुछ भूली बिसरी यादों की
Ajay Kumar Vimal
■ आज की सलाह...
■ आज की सलाह...
*प्रणय प्रभात*
** लगाव नहीं लगाना सखी **
** लगाव नहीं लगाना सखी **
Koमल कुmari
नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
Dr.Pratibha Prakash
रिश्तों में...
रिश्तों में...
Shubham Pandey (S P)
बदमिजाज सी शाम हो चली है,
बदमिजाज सी शाम हो चली है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यात्राओं से अर्जित अनुभव ही एक लेखक की कलम की शब्द शक्ति , व
यात्राओं से अर्जित अनुभव ही एक लेखक की कलम की शब्द शक्ति , व
Shravan singh
मन का समंदर
मन का समंदर
Sûrëkhâ
-शेखर सिंह ✍️
-शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
Neelofar Khan
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
प्रकाश
सच
सच
Neeraj Agarwal
बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी ,
बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
3072.*पूर्णिका*
3072.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
" खुशी में डूब जाते हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
भ्रष्टाचार और सरकार
भ्रष्टाचार और सरकार
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
Lokesh Sharma
“ भाषा की मृदुलता ”
“ भाषा की मृदुलता ”
DrLakshman Jha Parimal
यादों का झरोखा
यादों का झरोखा
Madhavi Srivastava
किस क़दर
किस क़दर
हिमांशु Kulshrestha
मुझे इस दुनिया ने सिखाया अदाबत करना।
मुझे इस दुनिया ने सिखाया अदाबत करना।
Phool gufran
तेरा एहसास
तेरा एहसास
Dr fauzia Naseem shad
Loading...