Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2016 · 1 min read

ग़ज़ल- जैसे कोई अफसाना

ग़ज़ल- जैसे कोई अफसाना
●●●●●●●●●●●
तुमने कब ऐसा माना था
हम दोनोँ मेँ याराना था

याद नहीँ क्या तेरे पीछे
फिरता कोई दीवाना था

अपने ही जीवन से इतनी
दूरी ये किसने जाना था

भूल गये वे कसमेँ वादे
जैसे कोई अफसाना था

लाओगे ‘आकाश’ कहाँ से
नज़रोँ पे जो नजराना था

– आकाश महेशपुरी

327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2384.पूर्णिका
2384.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मायने रखता है
मायने रखता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Quote Of The Day
Quote Of The Day
Saransh Singh 'Priyam'
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अनमोल जीवन
अनमोल जीवन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
* राह चुनने का समय *
* राह चुनने का समय *
surenderpal vaidya
Kabhi kitabe pass hoti hai
Kabhi kitabe pass hoti hai
Sakshi Tripathi
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
gurudeenverma198
वो भ्रम है वास्तविकता नहीं है
वो भ्रम है वास्तविकता नहीं है
Keshav kishor Kumar
बंधे धागे प्रेम के तो
बंधे धागे प्रेम के तो
shabina. Naaz
सपनों को अपनी सांसों में रखो
सपनों को अपनी सांसों में रखो
Ms.Ankit Halke jha
नास्तिक
नास्तिक
ओंकार मिश्र
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अपनी हिंदी
अपनी हिंदी
Dr.Priya Soni Khare
🙅आज की भड़ास🙅
🙅आज की भड़ास🙅
*Author प्रणय प्रभात*
इस धरा पर अगर कोई चीज आपको रुचिकर नहीं लगता है,तो इसका सीधा
इस धरा पर अगर कोई चीज आपको रुचिकर नहीं लगता है,तो इसका सीधा
Paras Nath Jha
दूसरों की आलोचना
दूसरों की आलोचना
Dr.Rashmi Mishra
ये तलाश सत्य की।
ये तलाश सत्य की।
Manisha Manjari
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
संस्कृति के रक्षक
संस्कृति के रक्षक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
युही बीत गया एक और साल
युही बीत गया एक और साल
पूर्वार्थ
याद हो बस तुझे
याद हो बस तुझे
Dr fauzia Naseem shad
उसी संघर्ष को रोजाना, हम सब दोहराते हैं (हिंदी गजल))
उसी संघर्ष को रोजाना, हम सब दोहराते हैं (हिंदी गजल))
Ravi Prakash
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
Phool gufran
"वो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
Bhupendra Rawat
अहंकार
अहंकार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"फागुन गीत..2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...