ग़ज़लनुमा श्री कपीस भजन
22 +22 +22 +22
जय हो तुम्हारी मारुति नन्दन
करता यह जग तेरा वन्दन
सगरे जग में धूम तिरी है
न्यूर्क सिटी हो चाहे लन्दन
तेरा आशीर्वाद मिले तो
पत्थर भी बन जाये कुन्दन
राम मिले कलयुग में सबको
जब तुलसीदास घिसे चन्दन
हे ‘महावीर’ सदा जय तेरी
‘कोटि’ कपीस करूँ अभिनन्दन
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