ग़ज़ल- हमसफर मिल गया तो खुदा मिल गया
ग़ज़ल- हमसफर मिल गया तो खुदा मिल गया
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प्यार का है मुझे आसरा मिल गया
जिन्दगी को नया रास्ता मिल गया
है यही जिन्दगी साथ हो हमसफर
हमसफर मिल गया तो खुदा मिल गया
आ गया मैं हसीँ जुल्फ की छाँव में
यार जैसे कि जीवन नया मिल गया
था कि सपना यही यार को देखते
पर यहाँ इश्क का फैसला मिल गया
प्यार कहते सभी आग की है नदी
एक ग़म का नया सिलसिला मिल गया
मौत “आकाश” आयी चली भी गयी
तू मिला जिन्दगी का पता मिल गया
– आकाश महेशपुरी