ख़ामोशी
मेरे तस्वीर के टुकड़ो को सजाया किसने
मुझे इश्क़ का कदरदान बनाया किसने
शराब में डूबा हुआ प्याला हूँ मै
शबनमी एहसासो से जगाया किसने
न दूर है कोई न पास में मेरे
दिल के चिराग को आखिर जलाया किसने
वफ़ा है कोई चीज़ इस जहाँ में, मै नहीं मानता
बेवफाई का ए तरन्नुम सिखाया किसने
शराब में मदहोश बहुत अच्छा हूँ मै
नशे में चूर मुझे रहना सिखाया किसने
मेरे तस्वीर के————–