ॐ नीलकंठ शिव है वो
ॐ नीलकंठ शिव है वो
हर मन्दिर हर मठ मे वो
हर इंसान के घट-घट मे वो
समुन्द्र के हर तट पे वो
हर वनस्पति वटवृक्ष मे वो
ॐ नमः शिवाय का उच्चारण
अब हर इंसान जपता है जो
जो गुंज्यीमान होता है
हर मन्दिर इंसान के अन्दर वो
वातावरण की शान्ति वो
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
ये वर्ण बसा है हर कण-कण मे वो
हर अक्ष से निकलता प्रकाश वो
इस सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड मे समाता जो
हमारे मन के कण-कण मे बसा है वो
परछाईं बनके अनेक रूप दिखाता वो
ॐ नीलकंठ ॐ नीलकंठ शिव है वो
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Swami Ganganiya