हौसलों की मीनार
ख्वाब और हकीकत की
ये जंग और तकरार,
ना जाने कौन सा लायेगी
ये रंग और बहार,
दबंग हौसलों से लिखता हूं,
में कहानी अपनी,
देख खु़दा भी पूछ उठता है,
बता क्या है तेरी अर्जी।
हौसलों की स्याही से
लिखनी है कहानी अपनी,
शब्दों की दुनियां में
बनानी है मिसाल अपनी।
जोश, जुनून कम नहीं होगा,
कर्मो का तूफान कम नहीं होगा,
कोशिशें में दरबदर करता रहूंगा,
जब तक है जान लड़ता रहूंगा।