Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2017 · 1 min read

हौसला ज़िंदा


ख़ामोश रात,
सुलगा अहसास,
तुम बिन मैं!

ज़िंदगी जंग,
किसी का नहीं संग,
फिर भी रंग!

रोटी महँगी,
है ज़िंदगी सस्ती,
भूखी बस्ती!

मार्ग कठिन,
मन है व्यथित,
हौसला ज़िंदा।

Language: Hindi
570 Views

You may also like these posts

2463.पूर्णिका
2463.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तुझको मांग लेते हैँ
तुझको मांग लेते हैँ
Mamta Rani
- बस एक बार मुस्कुरा दो -
- बस एक बार मुस्कुरा दो -
bharat gehlot
संभलना खुद ही पड़ता है....
संभलना खुद ही पड़ता है....
Rati Raj
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
Khaimsingh Saini
"बातों से पहचान"
Yogendra Chaturwedi
वो मुझे
वो मुझे "चिराग़" की ख़ैरात" दे रहा है
Dr Tabassum Jahan
"इतनी ही जिन्दगी बची"
Dr. Kishan tandon kranti
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
माँ को दिवस नहीं महत्व चाहिए साहिब
माँ को दिवस नहीं महत्व चाहिए साहिब
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
कहो कैसे हम तुमसे, मोहब्बत करें
कहो कैसे हम तुमसे, मोहब्बत करें
gurudeenverma198
गीत- अनोखी ख़ूबसूरत है...पानी की कहानी
गीत- अनोखी ख़ूबसूरत है...पानी की कहानी
आर.एस. 'प्रीतम'
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
shabina. Naaz
*मेरा सपना*
*मेरा सपना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तानाशाहों का अंज़ाम
तानाशाहों का अंज़ाम
Shekhar Chandra Mitra
शाम
शाम
Madhuri mahakash
* इस धरा को *
* इस धरा को *
surenderpal vaidya
अगर किसी के साथ अन्याय होता है
अगर किसी के साथ अन्याय होता है
Sonam Puneet Dubey
लेखनी चलती रही
लेखनी चलती रही
Rashmi Sanjay
टुकड़े हजार किए
टुकड़े हजार किए
Pratibha Pandey
मंजिल का अवसान नहीं
मंजिल का अवसान नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
मेरी माँ
मेरी माँ "हिंदी" अति आहत
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
भाग्य निर्माता
भाग्य निर्माता
Shashi Mahajan
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
कविता
कविता
Nmita Sharma
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Mahender Singh
बेशर्मी से रात भर,
बेशर्मी से रात भर,
sushil sarna
तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल'
तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल'
कवि रमेशराज
नफ़रतों में घुल रही ये जिंदगी है..!
नफ़रतों में घुल रही ये जिंदगी है..!
पंकज परिंदा
Loading...