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16 Sep 2023 · 1 min read

“इतनी ही जिन्दगी बची”

“इतनी ही जिन्दगी बची”
गिरवी सारी उम्मीदें
दिन का चैन
रात की नींदें
कर्ज सीने पर हावी
चढ़ी आँखें थकान की,
इतनी ही जिन्दगी बची
आज इंसान की।

14 Likes · 8 Comments · 250 Views
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