हौंसला
अभी अभी तो पंखों में जान भरी है
अभी अभी तो, मैंने ये उड़ान भरी है
उड़कर के ये, सारा जहान देखना है
धरती देखनी है, आसमान देखना है
अपने सपनों को अब आकार देना है
आजाद रह आजाद को प्यार देना है
कवि आजाद मंडौरी
अभी अभी तो पंखों में जान भरी है
अभी अभी तो, मैंने ये उड़ान भरी है
उड़कर के ये, सारा जहान देखना है
धरती देखनी है, आसमान देखना है
अपने सपनों को अब आकार देना है
आजाद रह आजाद को प्यार देना है
कवि आजाद मंडौरी