हौंसला न तोड़िए…..
हौंसला न तोड़िए हर- बार कहता हूंँ।
अभ्यास करता हूंँ प्रयास करता हूंँ,
तिनका- तिनका जोड़ कर एहसास करता हूंँ,
आसमां चूमेंगे यह विश्वास करता हूंँ,
धैर्य न खोएंगे यह बात कहता हूंँ।
हौंसला न तोड़िए…………..।।१।
संघर्ष यह रहेगा कार्य करता हूंँ,
हर दर्द भी सह लूंँगा इकरार करता हूंँ,
पुरस्कार अब लाऊंँगा स्वीकार करता हूंँ,
मोतियाँ सागर से निकाल किनारा पार करता हूंँ।
हौसला ना तोड़िए…………..।।२।
मंजिलें अब दूर नहीं कदम बढ़ाता हूंँ,
संकल्प अब न छोड़िए बात बताता हूंँ,
करकेे इरादे बैठ न आवाज बुलंद करता हूंँ,
राह को प्रशस्त कर भय रोक सकता हूंँ।
हौंसला ना तोड़िए………..…..।।३।
उत्सुकता को न टोंकिए खुद अब न रोकिए,
क्रोध में न सोचिए शांति मार्ग पकड़ता हूंँ,
निराशा न देखिए ऐसी आशा रखता हूंँ,
ऊर्जा को न रोकिए बल संचार करता हूंँ।
हौंसला न तोड़िए …………..।।४।
#रचनाकार- बुद्ध प्रकाश ;मौदहा(उ०प्र०)