Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jul 2024 · 1 min read

हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।

हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
हो मधुर वचन, ललाट सूर्य सा दमकता है।।

हो मित्र सारथी, युद्ध खेल जैसा लगता है।
हो सभी मे सत्य, घर धर्म स्वयं बसता है।।

1 Like · 83 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फितरत
फितरत
Akshay patel
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
रुपेश कुमार
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
पूर्वार्थ
"मित्रता दिवस"
Ajit Kumar "Karn"
"18वीं सरकार के शपथ-समारोह से चीन-पाक को दूर रखने के निर्णय
*प्रणय*
कहां खो गए
कहां खो गए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"प्यार में"
Dr. Kishan tandon kranti
हम बच्चे
हम बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गर्मी बहुत पड़ी है तो जाड़े भी आएगें
गर्मी बहुत पड़ी है तो जाड़े भी आएगें
Dr. Sunita Singh
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
Dr Archana Gupta
3242.*पूर्णिका*
3242.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कैसी
कैसी
manjula chauhan
फिर कुछ अपने
फिर कुछ अपने
Chitra Bisht
मां महागौरी
मां महागौरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Shaily
जीवन की विफलता
जीवन की विफलता
Dr fauzia Naseem shad
जज्बात की बात -गजल रचना
जज्बात की बात -गजल रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
बरसने दो बादलों को ... ज़रूरत है ज़मीं वालों को ,
बरसने दो बादलों को ... ज़रूरत है ज़मीं वालों को ,
Neelofar Khan
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
*पीयूष जिंदल: एक सामाजिक व्यक्तित्व*
*पीयूष जिंदल: एक सामाजिक व्यक्तित्व*
Ravi Prakash
यदि आप स्वयं के हिसाब से परिस्थिती चाहते हैं फिर आपको सही गल
यदि आप स्वयं के हिसाब से परिस्थिती चाहते हैं फिर आपको सही गल
Ravikesh Jha
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नारी के बिना जीवन, में प्यार नहीं होगा।
नारी के बिना जीवन, में प्यार नहीं होगा।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़िंदगी में अपना पराया
ज़िंदगी में अपना पराया
नेताम आर सी
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
Sahil Ahmad
*मुहब्बत के मोती*
*मुहब्बत के मोती*
आर.एस. 'प्रीतम'
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
Neeraj Agarwal
"दो पहलू"
Yogendra Chaturwedi
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
Harminder Kaur
Loading...