*हो न हो कारण भले, पर मुस्कुराना चाहिए 【मुक्तक 】*
हो न हो कारण भले, पर मुस्कुराना चाहिए 【मुक्तक 】
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हो न हो कारण भले, पर मुस्कुराना चाहिए
चुपचाप रहना छोड़ थोड़ा, खिलखिलाना चाहिए
रात – दिन बूढ़ों के जैसे सोचते ही मत रहो
कुछ समय बच्चों के जैसे, भी बिताना चाहिए
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रचयिता:रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.)
मोबाइल 99976 15451