हो दर्दे दिल तो हाले दिल सुनाया भी नहीं जाता।
ग़ज़ल
1222……1222……1222…….1222
हो दर्दे दिल तो हाले दिल सुनाया भी नहीं जाता।
जो दिल का जख्म अंदर हो दिखाया भी नहीं जाता।
जो जीवन में किसी के कष्ट हरने के लिए आए,
उन्हें ताजिंदगी यारो भुलाया भी नहीं जाता।
हो भोजन सामने रक्खा, लगी हो भूख कितनी भी,
अगर हो सामने भूखा तो खाया भी नहीं जाता।
किसी से कोई ग़लती हो, तो बतलाना जरूरी है,
अगर गलती बराबर हो, बताया भी नहीं जाता।
सभी खुशियों में मिलते और हॅंसते मुस्कुराते हैं,
अगर हो गम का साया, मुस्कुराया भी नहीं जाता।
जो देखे मां बहन बेटी को भी नापाक नज़रों से,
जुबां पर नाम वो नापाक, लाया भी नहीं जाता।
जो गुरु माता पिता अरु ईश्वर का भी विरोधी हो,
तो ऐसे व्यक्ति को ‘प्रेमी’ बनाया भी नहीं जाता।
……..✍️ प्रेमी