हो काका जेपी।
हो काका जेपी।
हो काका जेपी।
सभ तोहर अनुआयी।
तोरा रहल बेची।
हो काका जेपी।
आपतकाल के विरोधी।
लएला नइका आजादी।
हो काका जेपी।
इंदू के न विरोधी।
रहा कुशासन विरोधी।
हो काका जेपी।
खलय तोहर कमी।
रहिता कुशासन विरोधी।
हो काका जेपी।
करा भारत देखी।
रामा पएदा करा एगो जेपी।
सर्वाधिकार @रचनाकाराधीन।
रचनाकार -आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।