Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2022 · 1 min read

हो काका जेपी।

हो काका जेपी।

हो काका जेपी।
सभ तोहर अनुआयी।
तोरा रहल बेची।

हो काका जेपी।
आपतकाल के विरोधी।
लएला नइका आजादी।

हो काका जेपी।
इंदू के न विरोधी।
रहा कुशासन विरोधी।

हो काका जेपी।
खलय तोहर कमी।
रहिता कुशासन विरोधी।

हो काका जेपी।
करा भारत देखी।
रामा पएदा करा एगो जेपी।

सर्वाधिकार @रचनाकाराधीन।
रचनाकार -आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।

Language: Maithili
177 Views

You may also like these posts

जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
Sonam Puneet Dubey
पूरा सभ्य समाज
पूरा सभ्य समाज
RAMESH SHARMA
कॉलेज वाला प्यार
कॉलेज वाला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पहली प्राथमिकी
पहली प्राथमिकी
Dr. Kishan tandon kranti
बहार का इंतजार
बहार का इंतजार
ओनिका सेतिया 'अनु '
" पुराने साल की बिदाई "
DrLakshman Jha Parimal
“किरदार”
“किरदार”
Neeraj kumar Soni
मिट्टी का खिलौना न जाने कब टूट जायेगा,
मिट्टी का खिलौना न जाने कब टूट जायेगा,
Anamika Tiwari 'annpurna '
कहां बैठे कोई , संग तेरे यूं दरिया निहार कर,
कहां बैठे कोई , संग तेरे यूं दरिया निहार कर,
shubham saroj
कई बात अभी बाकी है
कई बात अभी बाकी है
Aman Sinha
नन्ही
नन्ही
*प्रणय*
काम पर जाती हुई स्त्रियाँ..
काम पर जाती हुई स्त्रियाँ..
Shweta Soni
नियम पुराना
नियम पुराना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
शीर्षक - गुरु ईश्वर
शीर्षक - गुरु ईश्वर
Neeraj Agarwal
मै बावरिया, तेरे रंग में रंग जाऊं
मै बावरिया, तेरे रंग में रंग जाऊं
Dr.sima
*वह अनाथ चिड़िया*
*वह अनाथ चिड़िया*
Mukta Rashmi
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
TAMANNA BILASPURI
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
अँधियारे में जीने दो
अँधियारे में जीने दो
Buddha Prakash
🥀*गुरु चरणों की धूलि*🥀
🥀*गुरु चरणों की धूलि*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
- जन्म लिया इस धरती पर तो कुछ नेक काम कर जाओ -
- जन्म लिया इस धरती पर तो कुछ नेक काम कर जाओ -
bharat gehlot
राधे कृष्णा, राधे कृष्णा
राधे कृष्णा, राधे कृष्णा
Vibha Jain
रंग औकात से ज्यादा,,, ग़ज़ल
रंग औकात से ज्यादा,,, ग़ज़ल
Neelofar Khan
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
पूर्वार्थ
अखिल विश्व के स्वामी राम
अखिल विश्व के स्वामी राम
sushil sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
प्रेम लौटता है धीमे से
प्रेम लौटता है धीमे से
Surinder blackpen
जहां आपका सही और सटीक मूल्यांकन न हो वहां  पर आपको उपस्थित ह
जहां आपका सही और सटीक मूल्यांकन न हो वहां पर आपको उपस्थित ह
Rj Anand Prajapati
भारत
भारत
Shashi Mahajan
Loading...