Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2024 · 1 min read

होली

होली सनातन संस्कृति की है त्योहार
विविधता मे एकता की है एक व्यवहार
रंगो उंमगो मे डूबा शुभ दिन पूनम का
खेले गुलाल अबीर साथ अपने जानम का
वार्षिक सिकवा सिकायत का होता अन्त
गले लगते दोस्त दुश्मन बनके साधु-संत
पर होली जीवन के कुछ ही पलो मे है जवान
बाकी देखकर खुश होते बस इतना ही जान
नये कपड़े और मिठाई की ललाई आज है नही
न जाने वो बसंती हवा अतीत मे छुपी है कही
होलीका दहन कर करते प्रह्लाद को याद
दैत्य राजा का हुआ संहार विष्णु का ये संवाद।।

Language: Hindi
53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उल्लास
उल्लास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
माटी कहे पुकार
माटी कहे पुकार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं प्रेम लिखूं जब कागज़ पर।
मैं प्रेम लिखूं जब कागज़ पर।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
3370⚘ *पूर्णिका* ⚘
3370⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
shabina. Naaz
रम्भा की ‘मी टू’
रम्भा की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कितने बदल गये
कितने बदल गये
Suryakant Dwivedi
वीर-स्मृति स्मारक
वीर-स्मृति स्मारक
Kanchan Khanna
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मोदी को सुझाव
मोदी को सुझाव
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
मन से हरो दर्प औ अभिमान
मन से हरो दर्प औ अभिमान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
याद करेगा कौन फिर, मर जाने के बाद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उम्र आते ही ....
उम्र आते ही ....
sushil sarna
खरगोश
खरगोश
SHAMA PARVEEN
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Bhupendra Rawat
मौत की हक़ीक़त है
मौत की हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
महानिशां कि ममतामयी माँ
महानिशां कि ममतामयी माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
विजय या मन की हार
विजय या मन की हार
Satish Srijan
नुकसान हो या मुनाफा हो
नुकसान हो या मुनाफा हो
Manoj Mahato
*ईर्ष्या भरम *
*ईर्ष्या भरम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बुंदेली दोहा- अस्नान
बुंदेली दोहा- अस्नान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हकीकत उनमें नहीं कुछ
हकीकत उनमें नहीं कुछ
gurudeenverma198
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
Rachna Mishra
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
The_dk_poetry
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
singh kunwar sarvendra vikram
#तेवरी-
#तेवरी-
*प्रणय प्रभात*
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
Loading...