होली
पथरायी सूनी आँखों में, खोया प्यार जगा दे होली।
खोये खोये सपनों को भी ,सच में यार जगा दे होली।
सपनों के लुट जाने का दुःख ,दुःख कर अहसास हुआ होगा।
अपनों के छिन जाने का जो,दुःख मय अहसास हुआ होगा।
रंगों की बारिश हो सुख मय,सुख की ज्योति जला दे होली।
सूनी सूनी आँखों में भी, सोया प्यार जगा दे होली।
खोये खोये सपनों को भी, सच में यार जगा दे होली।
पथराई सूनी आँखों में, खोया प्यार जगा दे होली।
सब सुख समृद्धि जग में आये , दुखी रहे नहि जग में कोई।
खुशियों की बारिश हो भर कर,छूट जाये नहीं मग में कोई।
रंगों का अहसास करा दे,रंगों का वो वार जता दे।
रंगों की इन पिचकारी से,वो आभार जगा दे होली।
खोये खोये सपनों को भी, सच में यार जगा दे होली।
पथराई सूनी आँखों में,खोया प्यार जगा दे होली।
रंगों की जो महिमा समझे,उनके सपने सच होते हैं
सफल वही होते हैं जग में,जिनके सब अपने होते हैं।
रंगों की झोली दो भरकर, रंगों का अब भार बता दे।
रंगों का साहस सच देखो,इनका सार बता दे होली।
खोये खोये सपनों को भी, सच में यार जगा दे होली।
पथराई सूनी आँखों में ,खोया प्यार जगा दे होली।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम