होली
आ गई खुशियों की त्योहार होली
सबने सजाई अपने घर रंगोली
रंग गुलाल लेकर निकल पड़े
देखो आई है मस्तों की टोली.
रंगो से भर के पिचकारी
एक दूसरे पर डाल रहे
नाच गाकर एक साथ
खुशियाँ आपस में बाँट रहे.
होली है बड़ी निराली
पकवानो से सजी है थाली
किसीको छोड़ता नहीं है ये
जिसका चेहरा रहता बिना रंगो के खाली.
देखो होली का खेल कैसा
बच्चे बुढ़े सब एक जैसा
किसी ने पी ली अन्जानें में भंग
तो कोई हो गया है रंगों से बदरंग.
नादनगी के रंग में आज तू भी रंग ले
किशन तू भी थोड़ी भंग चख ले
किसी छैल छबिली की चुनर रंग दे
मना करे तो फिर अपने कुरते को ही रंग ले.
आई है फगुनाहट की बहार
खुशियों से रंग गया पूरा संसार
अपने दिल को खुशियों से रंग लो
नाचो गाओ होली का त्योहार.
लेखक- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)