होली सा कर दो
उड़ गए सब रंग मेरे,
मुझे अपना सा कर दो,
मेरी मनुहार सुन लो तुम,
मुझे फागुन सा कर दो…
छिटक दो रंग अपने तुम, मुझे होली सा कर दो…
कितने रंग हैं तुममे,
रास भी है, राग भी,
मेरे भी तार छेड़ो तुम,
मन झंकृत कर दो…
छिटक दो रंग अपने तुम, मुझे होली सा कर दो….
उल्लास है खुशियों का,
त्योहार है रंगो का,
रंगरेज हो तुम तो,
रंग पक्का भर दो….
छिटक दो रंग अपने तुम, मुझे होली सा कर दो….
नयन सूने, दिशा सूनी,
निशा सूनी है,स्वप्न सूने,
कूँची रंग की भरकर,
सुखद श्रंगार कर दो….
छिटक दो रंग अपने तुम, मुझे होली सा कर दो….
©विवेक’वारिद