होली की कुछ झलकियां
होली आई,
खुशियां लाई,
रंगो को लाई।
होली आई,
भंग पिसवाई,
ठंडाई पिलवाई।
होली आई,
पिचकारी लाई,
बच्चो ने धूम मचाई।
होली आई,
गुंजिया बनाई,
सबने खाई।
होली में पकोड़ी बनाई,
उसपर चटनी लगाई,
फिर सबने मिलकर खाई।
होली में मलके गुलाल,
गोरी के हुए गाल लाल,
बजाई सबने हाथ से ताल।
होली में गुलाल व रंग,
भाभी देवर के है संग,
दोनो ने मचाया हुडदंग।
होली में जीजा साली के संग,
हो गई दोनो में छीना झपटी,
फिर हो गई लिपटा लिपटी।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम