होली : नौ दोहे
होली : नौ दोहे
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1
दो दिन की होली हुई, दो दिन खेलो रंग
दो दिन मस्ती के हुए, दुगनी हुई उमंग
2
मंत्री पद जिनसे छिना, बेचारे बेकार
घास न उनको डालते, लोकल तक अखबार
3
योगी जी की चल रही, पिचकारी की धार
जो भी दीखा माफिया, बुलडोजर तैयार
4
जली होलिका आग में, जलती है हर साल
जिसके कर्म बुरे हुए, बुरा उसी का हाल
5
मंत्री जी के गाल पर, ऐसा मला गुलाल
आए कब पहचान में, मंत्री जी इस साल
6
सत्ता से हटकर हुए, नेताजी बदहाल
नहीं कहीं से मिल रहा, चुटकी मुफ्त गुलाल
7
मतदाताओं ने दिया, जिन्हें चुनावी शाप
हारे नेता फाड़ते, कपड़े अपने आप
8
‘तोड़ा भारत’ फिर किया, ‘जोड़ो भारत’ काम
इस नौटंकी के लिए, कहो कौन बदनाम
9
लाल चौक कश्मीर पर, झंडा अब आसान
राहुल जी फहरा रहे, मोदी जी की शान
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451