होली खेलें हमजोली रे
होली खेलें हमजोली रे
********************
होली खेलें हमजोली रे,
मिलजुलकर खेलें होली रे।
मस्ती में झूमें और नाचें,
रंग डाले बना टोली रे।
रंग बिरंगे रंग बिखेरे,
भर दें रंगों से झोली रे।
ले नीला,पीला ,गुलाबी रे,
लगा देंगे रंग की बोली रे।
कोई पहचान नहीं पाएगा,
भीग जाएगी सारी चोली रे।
कोना कोना ढूँढ निकालेंगे
खेलें खूब आंखमिचौली रे,
मनसीरत रंग में रंग जाए,
खूब करें हँसी ठिठोली रे।
********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)