होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
बरसे अबीर, चले पिचकारी
रंगों का आया त्योहार,
होली खेले कृष्ण गोपी के संग में
राधा करे इंतजार।
रंगों की है बौछार
होली की आयी बहार।
कान्हा के रंगों में रंगी नगरिया
सबका गुलाबी है गाल,
ग्वालों के संग नहीं माने कन्हैया
डाले बदन रंग लाल ।
छोड़े साँवरिया न द्वार
होली की आयी बहार।
अपने ही रंगों में रंग दे साँवरिया
चूनर की उड़ कहे कोर,
जन्मों-जनम तक उतरे न रंग यह
रंग दे वसन चित्तचोर।
जीवन तू मेरा सँवार
होली की आयी बहार।
अनिल मिश्र प्रहरी ।