होली का रंग ? प्रेम भाव संग
होली का रंग * प्रेम भाव संग
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रंगे होली अंग अंग, भंग खाये संग संग,
लाल पीला हरा नीला, रंग ही लगाइऐ।
घुमों सारा ब्रज धाम, होली खेलो लट्ठमार,
रंग व गुलाल लिए, खुशियां मनाईऐ।
होली खेले गोप ग्वाल, गोपी संग घनश्याम,
मस्त सारे ग्वाल बाल, हर्ष ही लुटाईऐ
हाथ पिचकारी सारी, गोपी सारी देत गारी
भाग भाग राधा रानी, कृष्ण घर जाईऐ।
वैर भाव भुलें सारे, संग संग नाचें गायें,
पुआ पकवान खाये, सब को खिलाईये।
दुश्मन भी दोस्त बनें, एक दूजा अंग रंगें
मिलजुल संग संग, प्रेम गीत गाईऐ।
होली हूड़दंग करो, संग संग रंग खेलो
गले मिल प्रेम बाटो, शत्रुता भुलाईये।
नर और नारी सारे, खेलो खुब रंग प्यारे
मन में मलाल कोई, कभी ना बिठाईये।
फागुनी बयार प्यारी, नर नारी झुमें सारी
रंग व गुलाल फेक, उमंग दिखाईये।
पुआ पकवान संग, प्रीत और प्यार संग
भेद भाव भुल सब, त्यौहार मनाईये।
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पं.संजीव शुक्ल “सचिन”